Web Hosting kya hai? कितने तरह की होती है? संपूर्ण जानकारी हिंदी में।

Internet पर जितनी भी Website या Blogs आप देखते हैं या Access करते हैं वे सभी किसी न किसी वेब होस्टिंग पर होस्ट रहती हैं लेकिन आखिर यह Web Hosting kya hai? वेब होस्टिंग किसे कहते हैं? (What is Web Hosting in Hindi) आज के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में विस्तार से जानेंगे। इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को बनाने के लिए दो चीजों की सबसे पहले आवश्यकता होती है और वह है Web Hosting और Domain Name.

अगर आप अपने लिए भी कोई वेबसाइट या ब्लॉग बनाना चाहते हैं तो इसके लिए भी सबसे पहले आपको इन दोनों चीजों की जरूरत पड़ेगी। बिना Web Hosting और Domain Name के आप कोई भी Professional Website नहीं बना सकते हैं।

Domain Name क्या हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? इसके बारे में मैं अपनी एक ब्लॉग पोस्ट में पहले ही विस्तार से में बता चुका हूं। डोमेन नेम के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप उस पोस्ट को पढ़ सकते हैं क्योंकि आज की इस पोस्ट में हम के सिर्फ Web Hosting के बारे में ही बात करने जा रहे हैं कि Web Hosting kya hai?

अगर आप भी अपनी खुद की एक वेबसाइट या ब्लॉग बनाने के बारे में सोच रहे हैं और वेब होस्टिंग के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने के इच्छुक हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम कोशिश करेंगे कि वेब होस्टिंग से संबंधित आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाए। क्योंकि किसी भी काम को तभी शुरू करना चाहिए जब आपको उस काम से संबंधित पूरी जानकारी हो।

इसीलिए अपनी वेबसाइट पर काम शुरू करने से पहले किसी भी New Blogger के लिए यह जानना अति आवश्यक है कि Web Hosting kya Hota Hai? और यह कैसे काम करती है?

आज के इस आर्टिकल में हम निम्न टॉपिक्स पर बात करेंगे:

  • 1. वेब होस्टिंग क्या है? What is Web Hosting in Hindi?
  • 2. वेब होस्टिंग कैसे काम करती है?
  • 3. आपको वेब होस्टिंग कहां से खरीदनी चाहिए?
  • 4. वेब होस्टिंग कितने प्रकार की होती है?

चलिए एक-एक करके Web Hosting से सम्बंधित ऊपर दी गई इन सभी बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Web Hosting kya hai? What is Web Hosting in Hindi?

जैसे कि एक joint Family वाला घर होता हैं और उस घर में सभी परिवार वालों के लिए अलग-अलग Rooms होते हैं। ठीक वैसे भी इंटरनेट की दुनिया में Web Hosting भी होती हैं। थोड़ा-सा अजीब लग रहा है ना। कोई बात नहीं, चलिए इसको ऐसे समझते हैं-

मान लीजिए ये पूरा Internet एक Joint Family के घर के जैसा हैं और internet पर मौजूद सभी Blog और Websites उस घर में रहने वाले सदस्य हैं अब जब इतना बड़ा परिवार हैं तो सभी के लिए अलग-अलग कमरों की भी तो व्यवस्था करनी पड़ेगी। इसीलिए हर Blog और Websites के लिए Web Hosting के रूप में अलग-अलग कमरे रखें गए हैं।

मतलब कि internet पर Access होने वाली सभी Websites को Manage करने के लिए जो स्थान मिलता है उसे ही वेब होस्टिंग कहते हैं। उस स्थान पर ही आपकी वेबसाइट पर उपलब्ध Articles, Photos, Videos आदि रखें होते हैं।

जब आप वेब होस्टिंग खरीदते हैं तो आपको internet पर कुछ Space (10GB, 20GB आदि) मिलता है जिसके अंदर ही आप अपनी वेबसाइट से संबंधित सभी Content रख सकते हैं। इंटरनेट पर अपनी वेबसाइट को मैनेज करने के लिए खरीदे गए इस तरह के Space को ही इंटरनेट की भाषा में Web Space या Web Hosting कहा जाता है।

जिस भी Web Hosting Provider Company से आप Web Hosting खरीदते हो तो उसके द्वारा आपकी वेबसाइट की सभी Files, Articles, Images, Videos आदि को एक Special Computer में Store करके रखा जाता है जिससे आप की वेबसाइट पर उपलब्ध Content को कोई भी पूरी दुनिया में कभी भी Access कर सके। इस तरह के स्पेशल कंप्यूटर को Web Server और उस कंप्यूटर में हमारी वेबसाइट के लिए मिले उस स्थान को ही वेब होस्टिंग करते हैं।

Web Hosting प्रक्रिया कैसे काम करती है?

जिस भी Information या Content को आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग के माध्यम से लोगो तक पहुंचाना चाहते हैं वह सभी कंटेंट और इंफॉर्मेशन पहले आपको अपनी वेब होस्टिंग के अंदर Upload करना होता है। इसके बाद आप चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपके ब्लॉग पर उपलब्ध इस जानकारी को पढ़ें।

ऐसे में जब भी कोई Internet चलाते समय Web Browser (Google Chrome, Mozilla Firefox, Opera, Internet Explorer) में आपकी Website का URL (Domain Name) डालता हैं तो इसके तुरंत बाद internet उस Domain Name की उस Special Computer (Web Server) से Connectivity बनाता है जिस Web Server की Hosting में आपकी वेबसाइट का सारा डाटा Store रहता है।

Connection बनने के बाद आपकी वेबसाइट का कंटेंट इंटरनेट के माध्यम से उस User के Web Browser तक पहुंचता है जिससे वह आपकी वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री को Access कर लेता हैं।

Domain Name की Web Hosting से Connectivity बनाने के लिए जिस Technology का इस्तेमाल किया जाता हैं उसे DNS (Domain Name System) Technology कहते हैं। DNS Technology की वजह से ही डोमेन नेम को यह मालूम चलता है कि आपकी Website का Content कौन से Web Server पर उपलब्ध है। क्योंकि प्रत्येक Server की DNS Settings अलग अलग होती है।

वेब होस्टिंग कहाँ से खरीदे? Buy Web Hosting in India

किसी भी New Blogger के लिए यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण होता हैं कि उसे अपने New Blog के लिए Web Hosting कहाँ से लेनी चाहिए क्योंकि अपनी Blogging Journey शुरू करते वक्त उसे इस बात का ज्ञान ही नहीं होता हैं कि आखिर Web Hosting होती क्या हैं?, और Web Hosting कैसे खरीदते हैं? तथा अगर उसे Hosting लेनी है तो कहाँ से लेनी चाहिए?

Web Hosting खरीदने के लिए वैसे तो internet पर काफी Companies हैं जिनसे आप अपने New Blog और Website के लिए वेब होस्टिंग ले सकते हैं जैसे कि-

  1. Bluehost(Recommended)
  2. A2 Hosting(Recommended)
  3. Hostgator,
  4. SiteGround,
  5. Reseller Club,
  6. Inmotion Hosting
  7. MilesWeb

आप इनमे से किसी भी Hosting Provider से Web Hosting खरीद सकते हो।

अगर मैं अपने Personal Level की बात करूं तो in सभी Companies में भी मैं आपको Bluehost और A2 Hosting की Service को आपके new ब्लॉग के लिए Recommend करना चाहूँगा क्योंकि इन दोनों की Hosting Service कमाल की हैं। Bluehost को Recommend करने का एक मुख्य कारण यह भी हैं कि खुद WordPress भी आपको Bluehost की Hosting लेने के लिए Recommend करता हैं।

और A2 Hosting अपनी Excellent services के लिए इंटरनेट की दुनिया में बहुत ही जाना पहचाना नाम है। यह आपको 99.9% Uptime Commitment करती हैं। इसके साथ-साथ Free SSL Certificate, Free & Easy Site Migration, Anytime Moneyback Guarantee जैसी सुविधाए मिलती हैं।

Web Hosting लेते समय कुछ Important Terms:

किसी भी चीज को खरीदने से पहले उसके बारे में अच्छे से सोच विचार कर लेना बहुत ही जरूरी होता हैं ताकि बाद में हमें किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसीलिए Web Hosting लेते समय भी आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वैसे भी किस भी New Blogger के पास Web Hosting खरीदने से पहले नीचे दी गई कुछ बातों का ज्ञान होना आवश्यक होता हैं।

Disk Space:

What is Hosting Disk Space in Hindi?: किसी भी Blog पर आप कितनी Limit तक Content रख सकते हो यह उस ब्लॉग की Web Hosting की Disk limit पर निर्भर करता है। ठीक वैसे ही जैसे आप अपने Computer में उतना ही Data रख सकते हैं जितनी GB या TB की उसकी Hard Disk क्षमता होती है।

जब आप Web Hosting plans चुनते हैं तो आपको अलग-अलग Disk Space के हिसाब से Plans और Pricing मिलती है। इसलिए Unlimited Disk Space वाले Hosting plan को ही चुने। ताकि भविष्य में Full Disk Space जैसी समस्या न आए। वैसे अगर चाहो तो Blogging के Starting यूजैसे जैसे आपके ब्लॉग पर Traffic बढ़ने लगे तो आप इसे Upgrade कर सकते हैं।

Bandwidth:

What is Hosting Bandwith in Hindi?: वेब होस्टिंग प्लान का चुनाव करते वक्त Bandwidth नामक Term भी काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। कोई भी वेबसाइट 1 सेकंड के अंदर कितना डाटा संचारित (Transmit) करती है उसे Bandwidth कहते हैं। जितने भी Users आपकी वेबसाइट को Access कर रहे होते हैं तो उसी बीच Web Server कुछ Data लेने के बाद Users को वह information पहुंचाता है।

अब ऐसे में अगर आप कम Bandwith की Hosting लेते हैं और आपकी वेबसाइट या ब्लॉग पर कुछ ज्यादा मात्रा में Visitors आ जाते हैं तो इस परिस्थिति में आपकी वेबसाइट के Down होने के पूरे-पूरे Chances बन जाते हैं।

Uptime:

What is Hosting Uptime in Hindi?: कोई भी वेबसाइट इन्टरनेट पर कितने समय तक Live रहती हैं, Available रहती हैं उसे ही Uptime कहते हैं। और कभी-कभी आपकी Website को Open होने में Problems होती हैं वह खुल नहीं पाती हैं जिसे Downtime कहते हैं। आपके Website या Blog में ऐसी Downtime वाली Problem ज्यादा न आए इसका भी आपको Web Hosting खरीदते समय ही ध्यान रखना पड़ता हैं।

इसलिए Hosting लेते समय उसका Uptime कैसा हैं इसका भी थोड़ा ध्यान रखे। बहुत से Web Hosting Providers आपको 99.99% Uptime का वादा करती है लेकिन बाद में वह इसको पूरा नहीं कर पाती हैं। इसलिए एक Trusted uptime के लिए मैं आपको A2 Hosting से होस्टिंग लेने के लिए Recommend करना चाहूँगा जोकि 99.99% Uptime Commitment के साथ-साथ इसे पूरा भी करती हैं।

Customer Support:

अगर आप एकदम New Blogger है तो जाहिर सी बात है कि Web Hosting लेने के बाद उसको Setup करने में, समझने में आपके लिए थोड़ी बहुत Problems आ सकती हैं। जिसके लिए एक बेहतरीन Customer Support का होना बहुत ही जरुरी है जिससे आप Easily बातचीत कर सके और अपनी Problems बताने के बाद फटाफट Solution प्राप्त कर सके।

इसलिए Hosting लेते वक्त उसकी Customer Service कैसे हैं इस पर भी थोड़ा Research कर ले। अगर मैं अपनी बात करूं तो मुझे A2 Hosting और MilesWeb की Customer Service एकदम बढ़िया लगी। इनसे आप Live Chat के द्वारा भी Support प्राप्त कर सकते हैं। जोकि आपकी पूरी-पूरी Support करती हैं।

Types of Web Hosting in Hindi:

Web Hosting kya hai और Web Hosting खरीदने के लिए आपको किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए? आशा करता हूं कि आप इन दोनों Topics के बारे में आप अच्छे से समझ गए होंगे। अब बात करते हैं कि Web Hosting कितने प्रकार की होती है? (Web Hosting kitne prakar ki hoti hai)? वैसे तो वेब होस्टिंग काफी तरह की होती है लेकिन आजकल मुख्य रूप से जो वेब होस्टिंग सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जा रही हैं सिर्फ उनके बारे में ही हम बात करेंगे। जो मूल रूप से 4 तरह की होती हैं:

  • 1) Shared Web Hosting
  • 2) VPS Hosting (Virtual Private Server)
  • 3) Dedicated Hosting
  • 4) Cloud Web Hosting

Shared Web Hosting kya hai?

जैसा कि आप नाम से ही जान सकते हैं यह एक तरह की Sharing की जाने वाली Web Hosting है। मतलब की इस तरह की वेब होस्टिंग का एक ही Server होता है जिसमें लगभग हजारों Websites एक ही Server Computer पर Host रहती हैं। उदाहरण के लिए:

जब कोई कहीं जाने के लिए एक Sharing Cab book करता हैं तो उस Cab में आपके साथ और भी लोग बैठे रहते हैं। दूसरे लोगों के साथ Cab Share करने से ही वह सस्ती पड़ती हैं। इसी तरह Shared Web Hosting काम करती हैं जो दूसरी Websites के उसी Server पर Share होने की वजह से सबसे सस्ती कीमत में मिल जाती हैं।

नए ब्लॉगर्स के लिए इस तरह की वेब होस्टिंग को लेना ही एकदम सही फैसला होता है क्योंकि सस्ती होने के कारण शुरू-शुरू में आपकी जेब पर ज्यादा खर्च नहीं पड़ता हैं। जब तक आपकी वेबसाइट ज्यादा Popular नहीं हो जाती है और उस पर Real time में काफी ज्यादा ट्रैफिक नहीं आने लग जाता है तब तक Shared Web Hosting से आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।

लेकिन एक बार आप की वेबसाइट Popular होने के बाद जब आप की वेबसाइट पर काफी ज्यादा संख्या में लोग Visit करने लगते हैं तो उस Condition में Shared Web Hosting उस Traffic को संभालने में थोड़ी सी Problem पैदा करती है और Down हो जाती है। और वैसे भी जब आपके Visitors बढ़ेंगे तो जाहिर सी बात है आपकी Income भी तो बढ़ेगी और फिर आप अपने Hosting Plan को Upgrade कर सकते हैं।

Pros of Shared Web Hosting:

  • 1) New Bloggers के लिए सबसे सस्ती Hosting
  • 2) Easy to Use और Easy Setup process
  • 3) Control Panel option बहुत ही आसान है।
  • 4) एक Basic Website के लिए बहुत ही अच्छा Option है।

Cons of Shared Web Hosting:

  • 1) इस तरह की Hosting एकदम ज्यादा Traffic नहीं Handle कर सकती हैं।
  • 2) बहुत ही कम Resources मिलते हैं।
  • 3) Security के Point of View से उतनी बेहतर नहीं होती हैं।
  • 4) Website की Speed भी Slow ही रहती हैं।

VPS Web Hosting kya hai?

VPS Hosting की full form होती हैं Virtual Private Server. यह एक Private Server की तरह काम करती हैं। जैसे कि Shared Hosting एक Sharing Cab की तरह थी लेकिन यह एक Private Cab की तरह होती हैं जिसमें आप अकेले होते हैं और किसी का कोई Disturbence नहीं होता हैं। वह Cab सिर्फ आपके लिए ही होती हैं।

VPS Hosting में Server को अलग-अलग हिस्से में Divide कर दिया जाता हैं। और Server के जिस Part पर आपकी Website Host रहती हैं उस पर किसी दूसरे की Website का कोई मतलब नहीं रहता है क्योंकि यह एक Private Cab की तरह ही Private Server हैं जिसे हमने किसी दूसरे के साथ Share नहीं किया है। इस तरह की Web Hosting में Visualization Technology तकनीक का इस्तेमाल होता हैं।

Pros of VPS Web Hosting:

  • 1) Shared Hosting की तुलना में बेहतर Performance मिलती हैं।
  • 2) बहुत बढ़िया Privacy और Security मिलती हैं।
  • 3) काफी ज्यादा Traffic handle कर सकती हैं।
  • 4) इसने आपको काफी ज्यादा Cistomization flexibility भी मिलती हैं जैसे कि आप Bandwidth और Memory Upgrade कर सकते हैं।
  • 5) यह Dedicated Hosting की तुलना में अधिक Costly नहीं होती हैं जिसकी वजह से ज्यादा Traffic handle करने के लिए Shared Hosting से थोड़े से Extra पैसे देकर कोई भी खरीद सकता है।
  • 6) इसमें Customer support भी अच्छा मिलता है।

Cons of VPS Web Hosting:

  • 1) Shared Hosting की तुलना में अधिक महंगी होती है।
  • 2) यह New Blogger के लिए सही नहीं है क्योंकि इसको Handle करने के लिए Basic Technical Knowledge होनी चाहिए।
  • 3) Dedicated Hosting के मुकाबले कम Resources मिलते हैं।

Dedicated Web Hosting kya hai?

यह आपके अपने घर के जैसी होती है जिसमें किसी और बाहरी लोगों के रहने की इजाजत नहीं होती हैं। अपना घर हैं तो पूरे घर की Responsibility भी आपकी ही होती हैं। इसी प्रकार Dedicated Hosting भी काम करती हैं।

Dedicated Hosting में एक पूरे Server पर सिर्फ आपका ही हक होता हैं। उस पूरे Server पर सिर्फ आपकी वेबसाइट का ही Content जैसे कि Files, Photos, Videos आदि रखें होते हैं। मतलब कि Dedicated Hosting का पूरा Server केवल एक ही Website के Data को अपने अंदर Store करके रखता हैं। इसीलिए यह Server काफी Fast response भी करता हैं। क्योंकि इसमें किसी के साथ Sharing नहीं होती है।

क्योंकि इसमें पूरा Server आपका ही होता है तो इसीलिए उस Server का पूरा किराया भी आपको ही देना पड़ता है इसीलिए Dedicated Hosting Shared और VPS Hosting दोनों की तुलना में बहुत ज्यादा महंगी होती है। जिस वेबसाइट पर Monthly लगभग Millions या उससे ज्यादा Visitors आते हैं यह होस्टिंग उन्हीं के लिए है। जितनी भी बड़ी-बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट है जैसे कि AmazonFlipkartJabongBigbasket आदि ये सभी Dedicated Web Hosting पर ही Hosted रहती हैं।

Pros of Dedicated Web Hosting:

  • 1) इस तरह की Hosting की मुख्य विशेषता यह है कि आप की वेबसाइट पर कितना भी Traffic आ जाए यह Easily उसे Handle कर सकती है।
  • 2) Dedicated Web Hosting में Security के मामले में बिल्कुल भी Comparamize नहीं होता है।
  • 3) इसकी Performance लाजवाब होती है।
  • 4) इसमें आपको पूरा Administrative Access मिलता है।
  • 5) इस Hosting पर Host वेबसाइट कभी भी Slow और Down नहीं होती है।

Cons of Dedicated Web Hosting:

  • 1) यह Web Hosting बाकी सभी Hosting के मुकाबले काफी ज्यादा महंगी होती है।
  • 2) इसको Handle करने के लिए भी आपके पास Technical ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है।

Cloud Web Hosting kya hai?

यह बाकी दूसरी Hostings से थोड़े Different तरह की वेब होस्टिंग है। और इसका इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसमें Best Service और मजबूत Security को ध्यान में रखते हुए एक वेबसाइट के लिए काफी सारे Servers को इस्तेमाल में लिया जाता है। जब काफी सारे Servers मिलकर कोई काम करते हैं तो उसे ही cloud कहते हैं।

Pros of Cloud Web Hosting:

  • 1) यह High Traffic को आसानी से हैंडल कर सकती है।
  • 2) Server Down होने की % काफी कम होती है।

Cons of Cloud Web Hosting:

  • 1) बाकी Hostings की तुलना में ज्यादा Costly होती है।
  • 2) इस Hosting में Client को Root Access नहीं मिलता है।

तो आज के इस आर्टिकल “Web Hosting kya hai? What is Web Hosting in Hindi” में आप सब ने सीखा कि Web Hosting क्या होती है? वेब होस्टिंग कहां से खरीदनी चाहिए तथा वेब होस्टिंग कितने प्रकार की होती है? आशा करता हूं यह जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ गई होगी।

अगर वेब होस्टिंग से संबंधित अभी भी आपके कुछ सवाल हैं तो आप नीचे Comment Box में अपनी बात लिख कर हमसे पूछ सकते हैं। आपकी हर सवाल का जवाब देने की हमारी हर संभव कोशिश रहती है ताकि आपको किसी भी Topic के बारे में पूर्णता जानकारी प्राप्त हो सके।

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